Thursday, May 9th, 2024

फर्जी डिग्रीधारी न्यायाधीश और वकील की आज से अग्निपरीक्षा

भोपाल। 

राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय (एनएलआईयू) में फर्जीवाड़ा कर डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा आज शुक्रवार से शुरू हो गई है। उक्त विद्यार्थियों ने एनएलआईयू के अधिकारियों से मिलकर परीक्षा पास करने में काफी फर्जीवाड़ा किया था। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद चीफ जस्टिस एसके सेठ की अध्यक्षता में हुई सामान्य परिषद की बैठक में उनकी दोबारा से परीक्षा लेने का निर्णय लिया गया है। परीक्षा में करीब ढाई दर्जन विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। एनएलआईयू के अधिकारी वे प्रोफेसर उनकी इस परीक्षा को अग्निपरीक्षा बता रहे हैं। क्योंकि उन्हें पढ़ाई छोड़े काफी समय बीत गया है। उनका कहना है वे तब पास नहीं हुए अब कैसे पास होंगे। 

एनएलआईयू में 2003 से 2014 तक फर्जीवाड़ा कर डिग्री लेने वाले विद्यार्थी आज विधि अधिकारी, वकील और न्यायाधीश बन चुके हैं। उन्होंने डिग्रियां लेने में कैसे फर्जीवाड़ा किया है। इसका खुलासा हाईकोर्ट के पूर्व जज अभय कुमार गोहिल और तत्कालीन रजिस्ट्रार गिरीबाल सिंह की रिपोर्ट से हो गया है। सामान्य परिषद के अध्यक्ष हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस होते हैं। उन्होंने सभी 31 विद्यार्थियों को दोबारा से परीक्षा देकर अपनी अवैध डिग्री को वैधानिक करने के आदेश दिए हैं। इसके तहत आज से एनएलआईयू में परीक्षा शुरू कर दी गई है। ये परीक्षा 11 जुलाई तक चलेगी। परीक्षा का समय सुबह नौ से 11 बजे तक का रखा गया है। रजिस्ट्रार सिंह की रिपोर्ट में बताया गया है कि विद्यार्थी कैसे रुपए देकर परीक्षाओं में पास होते रहे हैं। वहीं पूर्व जज गोहिल ने अपनी रिपोर्ट में एनएलआईयू के अधिकारी, प्रोफेसर और कर्मचारियों की विद्यार्थियों की सांठगांठ का खुलासा किया है। वहीं एनएलआईयू की सिस्टम को सुधारने की अनुसंशा भी की हैं। 

आज से शुरू हुई परीक्षा 11 जुलाई तक चलेंगी। एक महीने से ज्यादा समय तक चलने वाली परीक्षा में करीब 64 पेपर के साथ अंतिम तिथि 11 जुलाई को एक वायवा भी होगा। परीक्षा का सिलेबस भी जारी हो चुका है। प्रोफेसरों का कहना है कि फजीर्वाड़ा भी इसी संस्थान से हुआ है। दोबारा से यही गलती नहीं होना चाहिए। इसलिए एनएलआईयू को देश के दूसरे राष्टÑीय विधि संस्थान के प्रोफेसरों से पेपर को सेट कराना चाहिए। बाहरी एनएलयू से उनकी कापियों को वैल्यूशन कराना चाहिए। ऐसा नहीं करने की दशा में एनएलआईयू पर दोबारा से फजीर्वाड़ा करने के आरोप लगा सकते हैं। 

 

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